Heart Touching Stories – बारिश की वो काली रात
Heart Touching Stories – यह एक मां और उनके छोटे बेटे की कहानी है, जो रात के बारिश में कैसे बिताते हैं। यह कहानी बहुत ही Heart Touching Stories है, आपको यह बहुत पसंद आएगी।
“माँ, तुम कब खाओगी? कुछ खा लो तुम भी,” जब मैं अपनी माँ को बैठे हुए देखा, तो मैंने यह सवाल पूछ दिया।
“मैं भी खा लूँगी, बेटा। तू सो जा। बहुत तेज बारिश हो रही है,” वह मुझे सुलाते हुए बोली।
“तुम खाओगी भी नहीं और सोओगी भी नहीं, क्या खाने के लिए कुछ बचा है?”
“बच्चा है न बेटा, अभी तो बहुत ही खाना बचा है. तू सो जा फिर मैं खा लेती हूँ.” उन्होंने मुझे फिर से चादर ओढ़ाते हुए बोली.
मेरे भी आँखों से नींद बहुत दूर था. मुझे पता था रात में खाना बना नहीं था. मैं भी सुबह का ही खाया था. और अब खाना बचा ही नहीं था. काली रात में, घनघोर बरसात हो रहा था. बिजली ऐसे तडपती जैसे यही गिरने वाली हो. छप्पर के घर में हम दो ही थे. मैं और मेरी माँ. उस अकेला कमरा में अकेला खाट था जिस पर हम माँ बेटे सोते थे.
Heart Touching Stories – नींद नही आई
मैंने चादर से मुँह निकालकर देखा, माँ अब भी मेरे पैरों के पास बैठी थी। मेरे पास में ही एक बड़ा सा कटोरा रखा था, जिसमें ‘टप..टप.’ करके पानी टपक रहा था। पानी के टपकने से आधा बिस्तर भीग गया था, बस आधा ही सूखा हुआ था। इसके कारण कोई भी व्यक्ति आराम से सो सकता था, सिवाए ‘एक ही’। माँ ने मुझे सुला दिया था और खुद ही पैरों के पास बैठी रहीं।
“माँ, मुझे नींद नहीं आ रही है,” मैंने उठकर कह दिया।
Mother poem – एक प्यारी सी poem “माँ” के लिए
“क्या हुआ बेटा. पानी आ रहा है क्या?” वह चारो तरफ बिछावन को छूने लगी. शायद बिछावन गिला हो गया. हो.
“पापा हर साल छप्पर ठिक करते है फिर भी पानी कैसे आने लगता है.” मैं अपन छोटे से दिमाग में सोचते हुए पूछा.
“कहीं-कही छूट जाता है ना, बेटा, और तेज बदलाव में रहने लगता है,” मैंने उसे बताया।
“पापा, इसको पक्का क्यों नहीं बना देते? सभी का घर पक्का है, हमारा तो छापर का है,” मैं उसके गोद में सोते हुए बोला। तेज आंधियों ने दियों को बुझा दिया था, और चारों ओर अंधेरा छा गया था। मगर आज मुझे डर का अहसास नहीं हो रहा था। जब भी मैं माँ के पास होता हूँ, पता नहीं मुझे डर क्यों नहीं लगता। भूत आएंगे तो क्या हुआ, “माँ” है न। जब तक माँ है, किसी का डर नहीं होता, चाहे कितना भी अंधेरा क्यों न छाया हो।
Heart Touching Stories — डर नही लगा
“माँ, मैं बड़ा होऊंगा ना, तो बड़ा-सा घर बनाऊंगा। कितनी भी बारिश हो, पानी नहीं टपकेगा,” मैं आराम से माँ के गोद में सोते हुए बोला।
“हां मेरा राजा बेटा बड़ा-सा घर बनाएगा. मगर पढ़ेगा तब न. खूब मन लगा कर पढो.” वह मुझे पीठ पर हल्की-हल्की थपकी दे रही थी.
“मै खूब पढूंगा और बड़ा-सा नौकरी करूँगा. और खूब पैसे कमाऊंगा.”
फिर मै कब नींद की गोद में चला गया पता ही नहीं चला. रात भर आधियाँ-तूफान चलती रही. तेज घनघोर बारिश रात भर होता रहा. माँ ने वैसे बैठ कर रात गुजार दिया. बिना कुछ खाए-बिना सोये.