Indian Festival Chaitra Navratri – चैत्र नवरात्रि – माँ दुर्गा की नौ रूपों की पूजा

Indian Festival Chaitra Navratri 2024 :

Indian Festival Chaitra Navratri : चैत्र नवरात्रि, भारतीय हिन्दू परंपरा का महत्वपूर्ण त्योहार है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रत्येक दिन मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। यह त्योहार हमारे समाज में धार्मिकता, समर्पण, और सामाजिक सद्भावना की भावना को प्रकट करता है।

चैत्र नवरात्रि के दौरान, लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उनके नौ स्वरूपों का समर्पण करते हैं। यह त्योहार ध्यान, त्याग, और विश्वास का प्रतीक है जो हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मिलता है। इसके साथ ही, चैत्र नवरात्रि एक आदर्श त्योहार है जो समाज में एकता, सामाजिक समरसता, और मानवता की भावना को प्रोत्साहित करता है।

इस त्योहार के माध्यम से, हम अपनी आत्मा को पवित्रता और शक्ति से भर देते हैं और अच्छे कामों की ओर बढ़ते हैं। चैत्र नवरात्रि हमें साधना करने की प्रेरणा देता है और हमारे जीवन में सुख, संपत्ति, और सफलता की प्राप्ति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।

आपको बता दे की साल में चार नवरात्र आता है, साल का पहला नवरात्र चैत्र नवरात्रि ही होता है, इसलिए इस नवरात्र का अधिक महत्व है। आज के इस लेख में हम जानेंगे की चैत्र नवरात्र कब होता है और चैत्र नवरात्रि क्यों मानते है।

चैत्र नवरात्र कब होता है – Chaitra Navratri 2024

हिंदी कैलेन्डर के अनुसार साल का पहला महिना चैत्र होता है. इसी चैत्र के महीने में पहला नवरात्र आता है. अंगेजी कैलेंडर में यह मार्च और अप्रैल महीने में आता है. यह नवरात्र नौ दिन तक चलने वाला व्रत है. एकमी से नवमी तक चलता है और फिर नवमी को माँ दुर्गा का हवन और पूजन करते है।

चैत्र नवरात्र कहाँ मानते है ?

यह त्यौहार हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है. उतर भारत में चैत्र नवरात्रि काफी प्रचलित है. महाराष्ट्र में इस पर्व का शुरुआत गुडी पडवा से और आन्ध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में उगादी से होती है।

चैत्र नवरात्रि क्यों मानते है ?

चैत्र नवरात्रि का पहला दिन हिन्दू साल का पहला दिन होता है. इस दिन हिन्दू माता दुर्गा के पूजा कर वर्ष का प्राम्भ करते है. यह पूजा नौ दिन तक चलता है. हर रोज माता के अगल-अगल रूपों की पूजा होता है।

नवरात्रि के अंतिम दिन भगवान् राम का जम्दीन भी है. इसलिए उस दिन को रामनवमी भी कहते है।

माता के नौ रूप है

  1. शैलपुत्री – इसका अर्थ पहाड़ो का पुत्री होता है.
  2. ब्रह्मचारिणी – इसका अर्थ ब्रह्मचारिणी
  3. चन्द्रघंटा – चाँद की तरह चमकने वाली
  4. कूषमाणडा – यानि पूरा जगत आपके पैरो में है.
  5. स्कंदमाता – कार्तिक स्वामी की माता
  6. कात्यायनी – कात्यायन आश्रम में जन्मी
  7. कालरात्रि – कल का नाश करने वाली
  8. महागौरी – सफेद रंग वाली माँ
  9. सिद्धिरात्रि – सर्व सिद्दि देने वाली

चैत्र नवरात्रि का महत्व

बसंत की शुरुआत जलवायु और सूरज के प्रभाव का महत्पूर्ण माना गया है. यह समय माँ दुर्गा के पूजा के लिए पवित्र अवसर माना गया है. नवरात्रि, माँ दुर्गा के शक्ति और परमात्मा की शक्ति की पूजा का सबसे शुभ और अनोखा माना जाता है।

इस प्रकार, चैत्र नवरात्रि भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और पूर्वाग्रही त्योहार है जो हमें अच्छे और उच्च मानकों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके माध्यम से, हम आत्मा के माध्यम से जुड़कर अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकते हैं।

चैत्र नवरात्रि के व्रत में क्या-क्या खा सकते है

चैत्र नवरात्रि में आप व्रत और उपवास के दौरान निम्नलिखित आहार खा सकते हैं:

  1. साबुदाना: साबुदाना उपवास के दौरान एक पॉपुलर विकल्प है। साबुदाना के खिचड़ी और साबुदाना की खीर बना सकते हैं।
  2. कट्टू का आटा: कट्टू का आटा से रोज़ रोटी बना सकते हैं या उससे चीला बना सकते हैं।
  3. फल और सब्जियां: फल और सब्जियां आपके उपवास में पौष्टिकता प्रदान कर सकती हैं। केला, सिंघाड़ा, अरबी, लौकी, आदि खा सकते हैं।
  4. दही: दही उपवास में प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हो सकता है।
  5. फलों की चटनी: तेल और मसालों की बजाय फलों की चटनियां बना सकते हैं जैसे कि कट्टू की चटनी और तांदव आम की चटनी।
  6. द्रिंक्स: उपवास के दौरान दूध की छाछ, गरम मसाला चाय, और शक्कर वाला नारियल पानी पी सकते हैं।
  7. शक्कर: उपवास में शक्कर का उपयोग मिश्रणों और मिठाइयों में किया जा सकता है, परंतु यह व्रत के नियमों के अनुसार होना चाहिए।

चैत्र नवरात्रि के दौरान साफ पानी का सेवन भी बड़ा महत्वपूर्ण है, ताकि आप प्राकृतिक रूप से हीटेड होने से बच सकें। ध्यान दें कि आपके व्रत के नियमों के मुताबिक आपके आहार में कुछ प्रतिबंधित खाद्य पदार्थ हो सकते हैं, इसलिए व्रत की शर्तों का पालन करें।

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