Indian Festival Ramnavami | 2024 में रामनवमी कब है

Indian Festival RamNavami: रामनवमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। रामनवमी का त्योहार भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है और भारतीय सभ्यता में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

भगवान राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं और उनके जन्म के दिन को विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन, भक्त राम जी के मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं, भगवान के जीवन की कथाएँ सुनते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

रामनवमी के इस पवित्र दिन को भक्ति और आदर के साथ मनाया जाता है और यह हिन्दू समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। इस लेख में हम श्रीराम का जन्मदिन और रामनवमी 2024 में कब मनाई जायगी इसके बारे में बताया है।

Indian Festival Ramnavami – 2024 में रामनवमी कब है

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में नवमी तिथि को रामनवमी का विशेष पर्व मनाया जाता है। यह पर्व अंगेजी कैलेंडर के मार्च या अप्रैल के महीने में आता है। दोस्तों 2024 में रामनवमी 17 अप्रैल 2024 को है।

रामनवमी कहाँ और कौन मानते है?

यह हिन्दुओ का पर्व है. इस पर्व को उतर भारत, उतर पूर्व भारत और नेपाल में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. रामचन्द्र जी के जन्मभूमि अयोध्या में रामनवमी बहुत ही हषोल्लास के साथ मनाया जाता है. अयोध्या में इस दिन मेला लगता है. देश के हर राज्य से श्रदालु इस मेले में पहुँचते है।

रामनवमी क्यों मानते है?

पुराणों के अनुसार रामनवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर भगवन विष्णु जी जन्म लिये. भगवान राम का जन्म दिन के 12 बजे हुआ था. जैसे ही प्रभु श्री राम हाथ में चक्र, गदा, और शंख लिए प्रकट हुए उनको देखते ही माता कौशल्या विस्मित हो गई. देवलोक भी अवध के रामजी का उत्सव को देखकर गदगद हो रहा था।

देवो ने फुल बरसाए, जन्मोत्सव में देवता ऋषि, किन्नर सभी शामिल होकर आनद उठा रहे थे। तब से ही हमलोग हर साल चैत्र के नवमी को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाते है. रामनवमी के दिन ही गोस्वामी तुलसी दस ने रामचरितमानस की रचना प्रारंभ किया था।

रामनवमी का व्रत और विधि

जो भी व्यक्ति रामनवमी पर पूरे दिन उपवास करता है और अपना मन श्री राम के भजन और कीर्तन में लगता है वह अनेक जन्मो के पापो को नष्ट कर देता है और परमपद को प्राप्त होता है।

रामनवमी के दिन प्रातः काल उठ कर घर को साफ-सफाई करना चाहिए. उसके बाद स्नान करके व्रत का संकल्प करना चाहिए. व्रत के दिन कलश स्थपना और भगवान राम क पूजा करनी चाहिए इस दिन भगवान राम का भजन, स्मरण पाठ, दान पूण्य हवन करना चाहिए। रामनवमी के दिन अपने अपने घरो और मंदिरों में ध्वजा और पताका लगाना चाहिए।

रामनवमी के व्रत में क्या खाएं?

रामनवमी के व्रत में लोग निश्चित प्रकार के आहार का पालन करते हैं और विशेष प्रकार के भोजन खाते हैं। इस व्रत में निम्नलिखित आहार के नियमों का पालन किया जाता है:

  1. शाकाहार: रामनवमी के व्रत में शाकाहारी आहार खाया जाता है, यानी केवल सब्जियाँ, फल, दाल, चावल, और दूध जैसे नैत्रिक आहार के प्रति आमंत्रित किया जाता है।
  2. अन्न का सदुपयोग: व्रती व्यक्ति आहार को सात्विक और साफ़ रखने का प्रयास करते हैं। व्रत के दौरान तम्बाकू, अल्कोहल, और मांस न पिएं और न खाएं।
  3. फल और पानी: फल व्रत में महत्वपूर्ण होते हैं, खासकर बनाने, सीताफल, अंजीर, और संत्रा जैसे फल। पानी पीना भी महत्वपूर्ण है, और व्रती व्यक्ति को प्राकृतिक और शुद्ध पानी की ओर से अपनी प्यास बुझाना चाहिए।
  4. व्रती खानपान के नियमों का पूरा पालन करते हुए, भक्ति और ध्यान में भी लगे रहते हैं और भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं।

रामनवमी के व्रत में ये आहार नियमों का पालन करके भक्त अपने आत्मा को शुद्ध करते हैं और भगवान राम के जन्मदिन का उत्सव मनाते हैं।

निष्कर्ष

रामनवमी हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक महक दिन है, जिसमें भक्त भगवान की पूजा करते हैं, उनके कथाओं को सुनते हैं, और धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं। इस दिन का महत्व हमें यह याद दिलाता है कि धर्म और आदर्शों का पालन करना हमारे जीवन में कैसे महत्वपूर्ण है।

रामनवमी के त्योहार से हमें धर्मिक संवाद की महत्वपूर्ण शिक्षा मिलती है और हम भगवान राम के जीवन के आदर्शों का अनुसरण करके अपने जीवन को सफल और सजीव बना सकते हैं।

Leave a Comment