Real Life Inspirational Story – गलत रिश्ते से बहार कैसे निकले

Real Life Inspirational Story – गलत रिश्ते से बहार कैसे निकले

किसी-न-किसी दिन तो यह होना ही था। ऐसा बहुत दिनों तक नहीं चल सकता था। सहन भी कितना करूं? एक हद होती है, एक सीमा होती है सहने की, और वह सीमा पार हो चुका था। अच्छा किया, बहुत अच्छा किया। ऐसे रिश्ते से बाहर आकर बहुत ही अच्छा किया। और अब वह नहीं निभा सकता था यह रिश्ता।

Real life Inspirational story

शाम का समय थी। मैं अभी भी पार्क में बैठा था। पार्क के एक कोने में थोड़ी सी जगह खाली थी, जहाँ कोई आता-जाता नहीं था। मैं वही बैठा कीसोच रहा था, आंखों से आंसू निकलते और फिर खुद ही सुख जाते। मैं अपने मन को काबू में करने की कोशिश कर रहा था, मगर मन बार-बार अपने बिताये पलों और उन पलों में जा रहा था जो हमने साथ बिताए थे। आँखों में एक तस्वीर उभरकर आ जाती और उतनी ही तेजी से आँखों से आंसू भी बह जाते।

Real life Inspirational Story – तुमको किसी के प्यार का जरूरत क्यों है?

आज मैंने खुद ही उससे रिश्ता तोड़ दिया, खुद ही। वो रिश्ता एक बोझ बन गया था, एक ऐसा रिश्ता जिसमें फीलिंग्स नहीं बची थीं। मेरे रोज़ इतने आंसू बहते थे, लेकिन उनके पास उन आंसुओं का कोई भावना नहीं था। इन सालों के हमारे रिश्ते में, मुझे आज भी उससे गहरे अपनापन का अहसास नहीं होता था।

मेरा बार-बार माफ कर देना और उसका बार-बार गलती करना। यही चलता रहा. कितने बार ही उसे समझाया होगा की ‘क्या चाहिए तुझे किसी और से? ‘प्यार’ मैं हूँ न प्यार करने के लिए। क्यों तुमको किसी और की जरूरत पड़ रही है। एक लड़का तुम्हारे लिए आँसू बहा सकता है, यानि उसको दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार तुमसे है मगर उनके पास इन सब का कोई असर नहीं था.

Real life Inspirational Story – हमेशा के लये छोड़ दिया उसे

मगर आज मैं इस सब को झूठा साबित कर रहा हूँ। मैंने अपने आंसू पोंछ लिए हैं, अब और आंसू नहीं बहाऊंगा। वह इन आंसूओं के काबिल नहीं है, और न ही इस प्यार के काबिल है। आज मैं कोई कसम नहीं खाऊंगा, कॉल नहीं करूंगा। आज कोई वादा नहीं, उसको मैसेज नहीं करूंगा। फिर भी वादा है कि मैं कभी उससे मिलने का और बात करने का वादा नहीं करूंगा। उसको मेरी ईमानदारी की आवश्यकता होगी, मेरी ईमानदारी की। सच अब हार गया है, लेकिन वह सच नहीं हो गया है। मैं सच्चाई हूँ, मेरा प्यार सच्चा है, और वह झूठा है।

मैं वहीं खड़ा हो गया और चलने लगा। चारों ओर अंधकार छा गया। मेरे आंसू ख़त्म हो गए थे, मेरे मन में एक उत्साह फैल गया था। मैं तेज कदमों से मुस्कुराता हुआ अपने घर की ओर बढ़ रहा था।

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