Today we are writing Real life hindi love story which is happy and sad both. दिल की बात दिल में ही रह जाती है. बस एक डर की वजह से ‘अगर वो गलत समझ ली तो क्या होगा?’ हमारी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी. इस एक डर की वजह से हमारे जैसे कितनो ने अपना love खो दिया. और उस बात का अफ़सोस आज भी होता है.काश उसे बता दिया होता. –
“मैं तुमसे प्यार करता हूँ. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता हूँ. तुम जो करो तुम्हारे ऊपर है मगर मैं तुमसे love करता हूँ.”
Real life hindi love story
We have written two hindi love stories.
First hindi love story
आज इतने साल बित जाने के बाद भी यह बात धड़कन तेज कर देती है. मन बेचैन होता है और आँखे देखने के लिए उसे ढूढने लगती है. यह जानते हुए भी की वो है ही नहीं. जो मिलेगा ही नहीं. उस समय की सारी तस्वीर आँखों के सामने घुमने लगता है. आज वह बेचैनी फिर से बढ़ गई है. उसके यादें दिल को तड़पा रही है. अपनी कहानी आपलोग के साथ शेयर कर रहा हूँ शायद दिल का बोझ हल्का हो जाये.हमारी love story शुरू हुई थी 11th class से. मैं अपने class में सबसे कम बोलने वाला लड़का था.
बहुत ही शर्मिला. फिर हमारे ही class में एंट्री ली एक बहुत ही खुबशुरत लड़की ‘स्नेहा’.
वह सबसे अलग थी. उसमे कुछ अलग बात थी.
सुन्दरता तो जैसे स्वर्ग के परियो से मांग कर लाई हो. बड़ी-बड़ी आँखे, नुकीले नाक, गुलाबी गाल और काले-काले लम्बे बाल. जिस दिन वह उजली शूट पहन कर आती बिलकुल ही पारी के समान लगती थी.वह भी मेरे तरह कम बोलने वाली थी. वह मुझे मेरे जैसी लगी. मैं उसे चाहने लगा. हमेशा वह मेरे ख्यालो में ही रहती. मैं उस से बात करने के बहाने ढूढने लगा. तब तक उसने हमारा ग्रुप भी ज्वाइन कर लिया था.
हमारी हल्की-फुलकी बात होने लगी थी.
मगर उसे ये एहसास नहीं था की मैं उस से कितना प्यार करता हूँ. कितनी ही बार सोचा की आज उसे बता दू.
मगर जैसे ही वो सामने से आती हुई दिखाई देती मेरा धडकन बढ़ जाता और दिमाग blank हो जाता.
सारी बाते भूल जाता.
Real life love story – हमने बहुत समय साथ में बिताया
अब हमलोग 12th में आ गये थे. तभी कॉलेज के तरफ से दुसरे जगह जाने का टूर प्रोग्राम आया. मैं सोच कर बहुत ही खुश था की कुछ दिन स्नेहा के साथ बीतेगा. मगर जल्द ही मेरे ख़ुशी पर काले बादल छा गये. जब ये पता चला की स्नेहा हमारे साथ नहीं जा रही है.
मैं बहुत उदास हो गया. मेरा भी मन अब जाने का नहीं कर रहा था. मगर जाता पड़ा.
हम सब ट्रेन में आ गये थे. मैं पहले ही आकर अपने सीट पर बैठ गया था. मेरा मन नहीं लग रहा था. ट्रेन चल पड़ी थी. मैं अपने सीट से उठा और उस डिब्बे में घुमने लगा. मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी. मेरी आखे चमक उठी. चहरे पर मुस्कान आ गया. मैं अंदर ही अंदर झुमने लगा. सामने स्नेहा बैठी थी. मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. 2 रात और 3 दिन का यह टूर मेरे लिए बहुत ही अच्छा बिता.
हमने काफी पल साथ बिताये. मगर इतना हिम्मत नहीं हो पाया की उस से अपने दिल की बात कह सकू.
Real life hindi love story – जब वह हमेशा के लिए चली गई
हमारा टूर खत्म हो चूका था. सब अपने –अपने घर चले गये. स्नेहा भी अपने घर चली गई. अब मेरे लिए समय काटना मुश्किल हो गया. आँखों को उसे देखने की आदत हो गई थी. उसके बिना घर पर मन नहीं लग रहा था. उस समय मुझे पहले बार एहसास हुआ.
मैं उसके बिना नहीं रह सकता हूँ. वही मेरी जान है वही जहाँ है.
उस देखने के लिए मन बेचैन हो गया. यह बात मैं अपने दोस्त को बताया. उसने बोला –
“जा साफ-साफ बता दे उसे की मैं तुमसे प्यार करता हूँ.”
मुझे भी उसकी बात अच्छी लगे.
मैं भी सोच लिया अब उसे बता दूंगा की तुमसे प्यार करता हूँ.
फिर दुसरे ही पल मन डर गया. अगर वह बुरा मान गई तो दोस्ती भी खत्म हो जाएगा.
उस से बात करने का मौका भी चला जाएगा. दिल की बात मैंने दिल में ही दबा ली.
कॉलेज एक बार फिर खुला. exam चलने लगा था. फिर कुछ ही दिन बाद exam खत्म हो गया और वह अपने गावं चल गई. मेरे लिए जीना मुश्किल हो गया. मैं उसके बिना जी नहीं सकता था.कितने दिन तक खाना नहीं खाया. घर से दूर किसी सुनसान इलाके में बैठकर खूब रोता. मुझे अब अपने आप पर गुस्सा आ रहा था. मैं अपने प्यार का इजहार क्यों नहीं किया.काफी साल बित जाने के बाद भी उसका उसका प्यार मेरे दिल में वही है. उसका चेहरा आँखों में वही है. वह मुझे नहीं मिली तो क्या हुआ मैं तो प्यार करता हूँ.
मैं कल भी उस से प्यार करता था, आज भी करता हूँ और कल भी करता रहूँगा.
2. Sad but great Hindi love story
राजीव, श्रेया से बहुत प्यार करता था. हर समय उसे सोचता और उसकी बाते करता. कभी जब उसकी बात श्रेया से नहीं हो पाती तो बेचैन हो उठता. call पर call किया जाता. जब तक श्रेया का call नहीं लगता तब तक खाना नहीं खाता. इस से उसमे चिडचिडापन आ गया. घर में कोई बोलता तो उसका उल्टा जवाब देता. उसे श्रेया के अलावा और कोई भी नहीं दिखाई दे रहा था. वह श्रेया से ही खुश होता और श्रेया से ही दुखी होता.राजीव जितना श्रेया के लिए बेचैन रहता, श्रेया उतना ही बेखबर रही. कभी call का जवाब देती तो कभी नहीं देती. इस से राजीव परेशान हो जाता. धीरे-धीरे राजीव को इग्नोर करना शुरू कर दिया. कभी-कभी 2-4 दिन तक उसके call का जवाब नही देती. उसके पास राजीव के लिए फिलिंग नहीं रह गई. और उस से दूर रहने लगी.
वह हमेशा उसके लिए बेचैन रहता
मगर राजीव के लिए तो सब कुछ वही थी. वह उसके बिना खुश नहीं रह सकता था. उसकी सारी ख़ुशी खत्म हो गई. जब कभी श्रेया उसका call उठाती तो कुछ बात होता जिस से राजीव और दुखी हो जाता. राजीव उसके इस स्वभाव से बहुत परेशान हो गया. कई बार चाहा की उसे छोड़ दे. इस रिश्ते से बहार निकल जाये. मगर कुछ दिन बार फिर श्रेया को call कर ही देता. उसके मन में यह बस गया था वह श्रेया के बिना के बिना खुश रह ही नहीं सकता है. वह बिना उसके बात किया रह नहीं सकता. जबकि श्रेया के तरफ से वही बेरुखापन बना रहा.
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और राजीव की लाइफ रोते ही बित रही थी.एक दिन राजीव मार्केट में घूम रहा था तभी देखा की श्रेया किसी और लड़के के साथ घूम रही है.वह उसके सामने चला गया. श्रेया चुपचाप खड़ी रही. राजीव एक पल उसके चहरे पर देखा. उधर कुछ जवाब नहीं था. बस एक ख़ामोशी थी.
उसने वादा किया की कभी call नहीं करेगा
राजीव के आखो में आसू था. और ख़ामोशी से पूछा –“ऐसा क्यों?”
वह चुपचाप बाहर निकल आया और वादा किया अपने आप से कभी नहीं call करने का. अब उसके पास अपने लिए समय था. उस रिश्ते के बारे में सोचने के लिए समय था जिस के पीछे भाग रहा था. अब वह खुश था. क्यों की उसने भागना बंद कर दिया था.
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