Santoshi Mata Aarti – आरती जय संतोषी माँ की
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जनों पर, करो माता कृपा।
माता संतोषी, संत की माता।
माता संतोषी, संत की माता।
ज्ञान बुद्धि दे, माता श्रद्धा और सबुर।
भक्ति भाव दे, माता सब कुछ पूरा।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जनों पर, करो माता कृपा।
रिद्धि सिद्धि की हमको तुम पर आशा है।
व्रत व्रत तुम्हारे, तुम ही संजीवनी माता हो।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जनों पर, करो माता कृपा।
सबसे पहले दुखियों का, तुम ही आना ध्यान।
दुखी-दुखी संतों का, हर काम हो सम्पूर्ण।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जनों पर, करो माता कृपा।
आरती जय संतोषी माँ की का समापन
Santoshi Mata Aarti – आरती जय संतोषी माँ की हमें माँ संतोषी के पवित्र और महत्त्वपूर्ण दर्शन कराती है। माँ संतोषी एक दिव्य माता हैं, जिनका आशीर्वाद हमें सफलता, सुख, और संतोष की प्राप्ति में मदद करता है। इस आरती के माध्यम से हम उनके सच्चे भक्त होने का प्रतीत करते हैं और उनके प्रति अपनी श्रद्धा और प्यार को व्यक्त करते हैं।
माँ संतोषी की आरती के द्वारा, हम उनके दिव्य स्वरूप का गुणगान करते हैं और उनकी महिमा को याद करते हैं। उनके चरणों में हम अपनी भक्ति और समर्पण को प्रकट करते हैं और उनकी कृपा का आभास करते हैं।
आरती जय संतोषी माँ की के इस पाठ से हम अपनी अधिकारीभावना को छोड़कर माँ संतोषी की भक्ति और समर्पण का संदेश देते हैं, जिससे हमें उनके प्रति सहयोगी और सर्वोत्तम जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाता है। माँ संतोषी की आरती का पाठ करने से हम उनके प्रति अपनी श्रद्धा और प्यार को व्यक्त करते हैं, और हमारे जीवन में संतोष, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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