Short Motivational Story – दो कदम सफलता की ओर

Short Motivational Story

आप लोग आज Short Motivational Story पढने को मिलेगा. इसमें एक लड़के का story है वो अभी +2 पास किया है और अपने सपने को पूरा करना चाहता है. कैसे करता है पढियें इस Short Motivational Story में.

विनीत का आज +2 का result आ गया. जिसका वह कितने ही दिन से wait कर रहा था. वह अच्छे number से पास हुआ. ख़ुशी उसके चिहरे पर छलक रहा था. घरवाले भी खुश थे. अब उसे किसी बढ़िया कॉलेज में एडमिशन हो जाएगा.

इधर बिनीत के सपने कही और घूम रहे थे. वह अपने भाई निलेश (जो दूर का भाई था) की तरह writer बनना चाहता था. निलेश ही उसका आइडियल था. और उनकी तरह writer बनने का सपना लेकर बढ़ रहा था. result आते ही उसके सपनों के पंख लग गये. वह इस बारे में जानने के लिए अपने भाई के पास गया.

“आओ बिनीत, बैठो.” उसके भाई निलेश ने उसे बैठे हुए बोला- “exam का result भी आ गया. अब क्या करने का इरादा है?”

विनीत उनके room को बड़े ध्यान से देख रहा था. एक-एक चीज उसे रोमांचित कर रहा था. मेरा भी ऐसा ही एक room होगा. सारी चीजे अच्छे से रखी होगी. बैठ कर लिखने के लिए बढ़िया सा टेबल. उस पर इतनी सारी books.

Short Motivational Story – सपने को सामने रखना

“क्या हुआ, कहा खोये हो?” निलेश ने ध्यान तोड़ते हुए बोला.

“नहीं, कही नहीं. मै भी आपके तरफ writer बनना चाहता हूँ.” बिनीत ने अपनी बात बता दिया.

“ये तो अच्छी बात है मगर कुछ जानते हो इस बारे में. जैसे कैसे लिखते है और भी सारी चीजे.”

“नहीं ये सब नहीं पता. आप बताओ. मैंने कुछ story और poem लिखे है.” उसने अपना लिखा हुआ दखाते हुए बोला.

निलेश ने बड़े ध्यान से उसे पढ़. उसे पता था अभी बहुत गलतियाँ है उसमे बहुत सारे सुधार की जरुरत है. निलेश के दिमाग और दिल में अलग-अलग बाते आने लगी. दिमाग अपना तथ्य लगाना शुरू कर दिया. इसमे राइटिंग का कुछ पता नहीं. कैसे क्या करते है. कैसे अच्छा writer बनेगा. वही दिल कहता नहीं छोटी-मोटी गलतियाँ शुरू में होती है. यह बहुत ही बढ़िया राइटर बनेगा. और वह दिमाग और दिल की लड़ाई में अपने दिल की सुनी.

“विनीत मैं तुमको कुछ छोटी-छोटी चीजे बता रहा हूँ. तुम उस पर मेहनत करना. तुम एक दिन बहुत ही अच्छा writer बनोगे और वह नही किसी 40-50 साल की उम्र में नहीं, आने वाले 6 से 7 साल में.

Short Motivational Story -एक दिन अपने लक्ष्य पर

निलेश ने उसका बहुत हौसला अफजाई किया. वह जो भी बात बोल रहा था दिल से बोल रहा था. जबकि दिमाग उसका विरोध कर रहा था. सुनने वाले उसके दिल और दिमाग की बात नहीं सुन रहा था. वह तो सामने वाले की मुह से निकला बात सुन रहा था. विनीत अभी 12वीं कर के निकला था. उसे इन सब चीजो के बारी में पता नहीं था की दिमाग कैसे काम करता है.

वह उस दिन से रंग गया उस में, जी-जान से. कितने ही कोर्स की, कितने ही जानकारी हासिल किया. और अपने को बेहतर बनाते गया. उसके मन में एक बात बैठ गया था की मैं सबसे अच्छा राइटर बन सकता हूँ.

एक दिन ऐसा आया उसने कर दिखाया. वह एक best writer था. वह best writer बस इसलिए नहीं बन गया की वह सोचा. इसलिए की उसने मेहनत किया. उसमें जी-जान से लग गया उसी समय. उसने उस काम को कल पर टाला नही.

आपको यह story कैसा लगा जरुर कमेन्ट करे. अगर आपके पास भी ऐसे story है तो हमे भेजी हमलोग उसे publish करेंगे..

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